जिंदगी शायद अलग होती...
गर दिल की सुनती !!
शायद और भी बेहतर होती...
घोंसला अपना गर खुद ही बुनती !!
अपना असमान अपनी ही जमीन होती...
किसी और की हुकूमत न होती !!
एक अनचाही कमी न होती...
गर दिल की सुनती !!
जिंदगी शायद अपनी होती...
गर दिल की सुनती !! :(:(
Achi lagi abhivyakti..
ReplyDeletewaise jindagi se sikayat hai ya khud se :-?
खोने का भी गम मिला, पाने की भी ख़ुशी मिली ,
कभी सब कुछ था , तो कभी कुछ भी नहीं !
तुझे खुद से मैं तोड़ दूँ या तुझे जोड़ दूँ !!
ज़िन्दगी,
मैं क्या करूँ !